क्या प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण (Prostate Badhne ke Lakshan) बन सकते हैं नपुंसकता का कारण?
बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (Benign Prostatic Hyperplasia) पुरुषों में पायी जाने वाली एक आम समस्या जरूर है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि इस बीमारी को नजरअंदाज किया जाये। क्या आप जानते हैं कि अगर सही समय पर इस बीमारी का इलाज न हो, तो इसका असर एक पुरुष की सेक्स लाइफ पर पड़ सकता है। जी हाँ, ऐसा बिल्कुल हो सकता है। कुछ सर्वे में इस बात की पुष्टी भी की गयी है कि प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण अगर गंभीर हो जाएं, तो इससे व्यक्ति में नपुंसकता विकसित हो सकती है। (Ref)
प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण क्यों बन सकते हैं नपुंसकता का कारण?
कुछ सर्वे में ये बताया गया है कि बीपीएच में होने वाली यूरिन संबंधी समस्याएं पुरुषों में नपुंसकता के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। उम्र बढ़ने व अन्य कई कारणों से व्यक्ति को बीपीएच की समस्या हो सकती है। ऐसे में बार-बार पेशाब का एहसास होना या पेशाब करने के बाद भी संतुष्टि न होना जैसे लक्षण व्यक्ति को परेशान करते हैं। इसके अलावा कई बार व्यक्ति को रात में बार-बार पेशाब के लिए भी उठना पड़ता है। यही प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण व्यक्ति की सेक्सुअल एक्टिविटी को घटाने का कारण बनते हैं। (Ref)
बीपीएच के इलाज से भी हो सकती हैं इजैक्यूलेशन संबंधी समस्याएं!
कुछ सर्वे में तो ये भी बताया गया है कि बीपीएच के इलाज के कारण व्यक्ति में यौन संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण को नियंत्रित करने के लिए दी जाने वाली एंटी-टेस्टोस्टोरन दवाईयां पुरुषों में नपुंसकता का कारण बन सकती हैं। (Ref)
वहीं कई बार जब दवाईयां बेअसर रह जाती हैं तो बीपीएच में मरीज की सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है। इस प्रक्रिया को ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन ऑफ प्रोस्टेट (टीयूआरपी) कहते हैं। इस प्रक्रिया के कारण भी व्यक्ति नपुंसकता का शिकार हो सकता है। हालांकि, कितने पुरुष टीयूआरपी प्रक्रिया के बाद नपुंसकता की चपेट में आते हैं, इसे लेकर अलग-अलग आंकड़ें सामने आये हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि तकरीबन 35% पुरुष टीयूआरपी के कारण इस समस्या से गुजरते हैं। वहीं ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ 5 से 10% पुरुष ही टीयूआरपी प्रक्रिया के बाद नपुंसकता का सामना करते हैं। (Ref)
प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण से हो सकती हैं और भी कई परेशानियां
- बीपीएच में व्यक्ति का मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं होता है। इसीलिए उसे बार-बार पेशाब का एहसास होता है। इसे यूरिनरी रिटेंशन कहते हैं। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाये तो व्यक्ति की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
- प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण में मूत्र संबंधी समस्याएं सबसे ज्यादा नजर आती हैं। इसके कारण व्यक्ति को मूत्राशय में पथरी की समस्या भी हो सकती है। (Ref)
- अगर समय रहते बीपीएच का इलाज न किया जाये तो इसका असर व्यक्ति की किडनी पर भी पड़ता है। कुछ मामलों में ये परिस्थिति गंभीर रूप ले सकती है। (Ref)
प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण में किस तरह की मूत्र संबंधी समस्याएं नजर आती हैं?
प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण में बार-बार पेशाब का आना, पेशाब करने के बाद भी ड्रिपलिंग जारी रहना, रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना आदि समस्याएं व्यक्ति में नजर आती है।
क्या बीपीएच की सर्जरी बन सकती है नपुंसकता का कारण?
बीपीएच एक पुरुष की सेक्स लाइफ पर भी असर डालती है। एक सर्वे के मुताबिक अगर बीपीएच बीमारी गंभीर हो जाये, तो मरीज की सर्जरी करने की जरूरत पड़ सकती है। इस प्रक्रिया को ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन ऑफ प्रोस्टेट (टीयूआरपी) कहते हैं। इस प्रक्रिया के कारण व्यक्ति नपुंसकता का शिकार हो सकता है।
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