जानिए पुरुषों में प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है?
जब प्रोस्टेट और उसके आसपास मौजूद टिश्यू फैलने लगते हैं, तब पुरुष में प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बड़ा हो जाता है। इस समस्या को बिनाइन प्रोस्टेट हाइपरलेप्सिया (बीपीएच) कहा जाता है। अब यहाँ एक अहम सवाल ये खड़ा होता है कि पुरुषों में प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है? दरअसल, पुरुषों के जीवन में ऐसे 2 फेज आते हैं जब उनमें प्रोस्टेट ग्रंथि बड़ी होती है। एक है प्यूबर्टी एज। इस दौरान पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार दो गुणा बढ़ जाता है। इसके बाद जब पुरुष 25 साल की उम्र पार करते हैं, तब भी उनमें प्रोस्टेट ग्रंथि बड़ी होती है। ज्यादातर पुरुषों में ये प्रक्रिया जारी रहती है और देखते ही देखते ही इससे व्यक्ति की परेशानियां बढ़ जाती हैं।(Ref)
2 रिस्क फैक्टर्स जो बढ़ाते हैं बीपीएच का खतरा
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, इसका कारण पूरी तरह से समझ नहीं आ पाया है लेकिन कुछ अध्ययनों के मुताबिक जेनेटिक कारण एवं बढ़ती उम्र, पुरुषों को बीपीएच का शिकार बना सकती है।(Ref) वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे रिस्क फैक्टर्स भी हैं, जिसके कारण पुरुषों को बीपीएच की समस्या हो सकती है। आज हम ऐसे ही 2 रिस्क फैक्टर्स पर चर्चा करेंगे -
- मेटाबॉलिक सिंड्रोम - कुछ मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसे हाइपरटेंशन, ग्लूकोज इंटोरलरेंस या इंसुलिन रेजिस्टेंस आदि व्यक्ति में बीपीएच का खतरा बढ़ा सकते हैं। कुछ सर्वे के मुताबिक जो पुरुष मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित होते हैं, उनमें प्रोस्टेट का वोल्यूम आम पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है।(Ref)
- मोटापा - कई बार मोटापा भी व्यक्ति में बीपीएच के खतरे को बढ़ा देता है। मोटापे के कारण व्यक्ति में मेटाबॉलिक सिंड्रोम का जोखिम बढ़ जाता है। इसकी वजह से पुरुष की प्रोस्टेट ग्रंथि भी बड़ी हो सकती है।(Ref)
क्या हैं बीपीएच के लक्षण?
- रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना
- पेशाब करने के बाद भी फिर से वॉशरूम जाने का एहसास होना
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब की धार का धीमा हो जाना
- पेशाब कंट्रोल न कर पाना
- पेशाब के बाद भी ड्रिपलिंग का जारी रहना
- पेशाब करते वक्त दर्द का एहसास होना
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