बीमारियों से बचाता है डीपीटी का टीका लेकिन नजर आ सकते हैं कुछ साइड इफेक्ट्स!

 

डीपीटी का टीका

डीपीटी का टीका मुख्य रूप से 3 बीमारियों से बचाने के लिए तैयार किया गया है - डिप्थीरिया, पर्टुसिस (काली खांसी) और टिटनेस। डिप्थीरिया और पर्टुसिस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी है। वहीं टिटनेस घाव या चोट लगने के कारण शरीर में प्रवेश करता है। अगर इन बीमारियों को अनदेखा किया जाये तो ये जानलेवा साबित हो सकती हैं और इन्हीं बीमारियों से बचाव का नाम है- डीपीटी वैक्सीन। बच्चों में इस वैक्सीन को लगाना अनिवार्य है। 

जानें बच्चों को कब-कब लगवाना चाहिये डीपीटा का टीका?

डीपीटी का टीका 7 साल से कम उम्र के बच्चों में ही लगाया जाना चाहिये। डॉक्टर्स बच्चों को इस वैक्सीन की 5 डोज लगाने की सलाह देते हैं।

  • पहली डोज जन्म के बाद दूसरे महीने में
  • दूसरी डोज चौथे महीने में
  • तीसरी डोज छठवें महीने में
  • चौथी डोज 15-18 महीने में
  • पांचवी डोज 4-6 साल की उम्र में (Ref)

डीपीटी का टीका लगाने के बाद नजर आ सकते हैं ये साइड इफ्केट्स!

वैसे तो डीपीटी का टीका सुरक्षित है लेकिन कुछ मामलों में इसके दुष्प्रभाव बच्चों में दिखाई दे सकते हैं जो इस प्रकार से हैं -

माइल्ड साइट इफेकट्स
  • बच्चे को बुखार होना। (Ref)
  • त्वचा का लाल हो जाना या जहाँ वैक्सीन ली गयी है उस जगह सूजन आ जाना।
  • इंजेक्शन लेने वाली जगह पर दर्द होना।
  • कई बार वैक्सीन लेने के बाद बच्चे बहुत ज्यादा चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। ये समस्या 3 में से 1 बच्चे में नजर आती है। (Ref)
  • बच्चा बहुत ज्यादा थकावट महसूस कर सकता है।
  • डीपीटी का टीका लगाने के बाद कुछ बच्चों की भूख भी कम हो सकती है। ये परेशानी 10 में से 1 बच्चे में नजर आ सकती है। (Ref)
उपर बताये गये लक्षण बच्चों में वैक्सीन लेने के 1 से 3 दिन बाद नजर आ सकते हैं।

गंभीर साइड इफ्केट्स (Ref)
  • कुछ बच्चों में डीपीटी का टीका लगाने के बाद नीचे बताये जा रहे कुछ गंभीर दुष्प्रभाव भी नजर आ सकते हैं। 
  • कुछ बच्चों को दौरा पड़ने की शिकायत हो सकती है। हालांकि, ये समस्या 14 हजार में से 1 बच्चे में ही नजर आती है। 
  • कई बार बच्चा लगातार रोता रहता है और 3 घंटे बीत जाने के बाद भी चुप नहीं होता। ये परेशानी भी बहुत ही कम बच्चों में नजर आती है। हजार में से 1 बच्चे को ये समस्या हो सकती है।
  • वहीं कुछ बच्चों को 105 डिग्री फारेनहाइट बुखार भी आ सकता है। इस तरह के मामले बहुत कम नजर आते हैं। आँकड़ों के अनुसार 16 हजार में से 1 बच्चे को डीपीटी का टीका लगाने के बाद इतना तेज बुखार चढ़ सकता है।
  • इन सबके अलावा कुछ बच्चों के हाथ-पैर में सूजन भी आ सकती है। विशेष रूप से ये परेशानी थोड़े बड़े बच्चों में वैक्सीन का चौथा या पांचवा डोज लेने के बाद नजर आती है। (Ref)

कब बच्चे को ले जाएं डॉक्टर के पास?

बहुत ही कम मामले ऐसे होते हैं जब बच्चे में गंभीर एलर्जिक रिएक्शन नजर आ सकते हैं। अगर बहुत ज्यादा थकावट होना, सांस लेने में तकलीफ होना, हृदय की धड़कन का तेज होना जैसे लक्षण नजर आये तो तुरंत बच्चे को चिकित्सक के पास ले जाना चाहिये। (Ref)

डीपीटी का टीका बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने की क्षमता रखता है। इसके गंभीर दुष्प्रभाव बहुत ही कम मामलों में नजर आते हैं। इसीलिए घबराएं नहीं। अपने बच्चे को जरूर ये टीका लगवाएं। अगर कुछ दुष्प्रभाव नजर आये भी तो तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें। 

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