लाइफस्टाइल में सिर्फ 5 आसान बदलाव कर उच्च रक्तचाप को कहें बाय-बाय!
जब व्यक्ति के शरीर में रक्त का दबाव 120/80 एमएमएचजी से ज्यादा हो जाये तो इसका मतलब व्यक्ति उच्च रक्तचाप की चपेट में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर 4 में से एक युवा इस बीमारी का शिकार है। यहाँ तकरीबन 220 मिलियन लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। वहीं हैरानी की बात तो ये है कि इनमें से सिर्फ 12% लोगों का ही बीपी नियंत्रण में है। (Ref)
स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने साल 2025 तक हाइपरटेंशन के मामलों को 25% तक कम करने का लक्ष्य रखा है लेकिन ये तभी संभव होगा, जब लोग जागरूक होंगे। (Ref)
इसके लिए सिर्फ दवाईयां काफी नहीं है बल्कि लोगों को अपनी लाइफस्टाइल में भी सुधार करना होगा। आज हम लाइफस्टाइल में किये जाने वाले ऐसे ही 5 बदलाव पर चर्चा करेंगे जो उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए आवश्यक है। इससे पहले एक नजर डालें इस बीमारी के लक्षणों पर -
- सांस फूलना
- सिरदर्द
- थकान
- कमजोरी महसूस होना
- पसीना आना
- धुंधली दृष्टि
- उल्टी
- जी घबराना
- अनियमित दिल की धड़कन
- मोटापे को करें कंट्रोल - बढ़ता वजन उच्च
- रक्तचाप का मुख्य कारण है। कई सर्वे में इस बात की पुष्टी की गयी है। इसीलिए इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है वजन को कम करना। मोटापे के कारण शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल और फैट की मात्रा बढ़ जाती है जो उच्च रक्तचाप को गंभीर बना सकती है। इसीलिए वजन कम करना आवश्यक है। (Ref)
- फिजिकल एक्टिविटी - सैर करना, दौड़ना, तैरना व अन्य फिजिकल एक्टिविटी उच्च रक्तचाप से राहत पाने के लिए जरूरी है। व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट कम तीव्रता वाली और तकरीबन 75 मिनट तक अधिक तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधियां करनी चाहिये। (Ref)
- सिगरेट को कहें ना - धूम्रपान उच्च रक्तचाप को और गंभीर बना सकता है। इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। इसीलिए सिगरेट से दूर रहना हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए जरूरी है। (Ref)
- शराब का सेवन न करें - शराब का सेवन कम कर दिया जाये तो ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है। शराब से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है जिससे व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है। इसीलिए पुरुष को एक दिन में 2 और महिलाओं को 1 से ज्यादा ड्रिंक नहीं लेना चाहिये। (Ref)
- संतुलित आहार - उच्च रक्तचाप से बचना है तो खाने में नमक की मात्रा कम करें और पोटैशियम की मात्रा को बढ़ाएं। इसके साथ ही खाने में फैट्स कम लें और फल, हरी सब्जियों एवं होल ग्रेन्स फूड्स को भोजन में शामिल करें। (Ref)
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